neyaz ahmad nizami

Monday, May 7, 2018

मज़ार पर टूट जाती हैं मज़हब की दिवारें::



आस्ताना शहीद बाबा رحمۃالّلہ علیہ कमेटी व क़ब्रिस्तान कर्बला कमेटी के तत्वाधान में बस स्टेशन परिसर में आयोजित सालाना उर्स-ए-पाक में अक़िदत मंदों की भीङ उमङी रही ।
उत्साह उमंग से सराबोर लोग क़व्वाली के बीच चादर पोशी कर अमन चैन की दुआ मांगी । इस दौरान मुख्य वक्ता सूफी सय्यद गुलाम ग़ैस क़ादरी साहब ने कहा कि यह मज़ार और इस में सोई बज़ुर्गों की देन है कि यहां धर्म की सारी दिवारें टूट जाती हैं तथा हिंदू मुस्लिम एकता भाई चारा की गंगा जमुना बहती हैं। यहां हर धर्म के लोग आते हैं और अपना दुख दर्द सुना कर अपनी बिगङी बनाते हैं।यह लोग अल्लाह के क़रीब होते हैं। शिक्षा पर बोलते हुए उन्होने कहा कि अच्छा शहरी, अच्छा इंसान व अच्छा देशभक्त वही है जो शिक्षा ग्रहण करे, उन्होने मुस्लिम समाज की कुरीतियों पर भी विचार वयक्त किया। मुख्य अतिथ. विजय बहादुर सिंह प्रधानाचार्य गणेश शंकर स्मार्क इंटर कॉलेज  ने कहा कि आज समाज में फैली हुई बुराईयों को रोकने की अवश्यकता है, तभी समाज में सुधार होगा और समाज आगे बढेगा, देश की अखंडता ऐसे ही कार्यक्रमों के ज़रिए बरक़रार रखी जा सकती है, समाज में एकता और अमन शांती के लिए ऐसे आयोजनों की निरंतरता आवश्यक है।
नेयाज़ अहमद निज़ामी