ताजदार-ए-मदीना ﷺ ने एक बार इर्शाद फरमाया क्या तुम में से कोई ऐसा नही है जो रोज़ाना ओहुद पहाङ के बराबर नेकी (पुन्य) कर लिया करे?
सहाबा ने कहा: आकाﷺ इस की ताक़त कौन रखता है?
फरमाया: हर एक इस की ताक़त रखता है,
अर्ज़ किया: सरकार ﷺ कैसे?फरमाया सुब्हानल्लाह (سُبْحَانَ اللّٰه) का स़वाब (पुन्य) ओह़ुद से बढ कर है
ला इलाहा इल्लल्लाह (ُلَااِلٰه اِلَّا اللّٰه ) का स़वाब (पुन्य) ओह़ुद से बढ कर है।
अल्लाहु अकबर (اللّٰهُ اَکْبَر) का स़वाब (पुन्य) ओह़ुद से बढ कर है।
अल्हम्दुलिल्लाह (الْحَمْدُلِللّٰهُ ) का स़वाब (पुन्य) ओह़ुद से बढ कर है।
ohud pahad
::ओह़ुद पहाङ एक परिचय::
ओह़ुद पहाङ मदीना शरीफ के पास है,इसी जगह जंग-ए-ओहुद भी हुइ थी, यह पहाङ जन्नत (स्वर्ग) में भी जाएगा, इस की चौङाई लगभग पौने चार मील है,
हो सके तो रोज़ाना यह तीन वाक़्य ज़रूर कह लिया करें,
(1)अल्लाहु अकबर (اللّٰهُ اَکْبَر) 10 बार, (2) सुब्हानल्लाह سُبْحَانَ اللّٰه) 10) बार (3)अल्लाहुम्मग़्फिरली اَلّٰھُمَّ الغْفِرْلِی) 10बार।
(فیضان سنت ذکر کی فضیلت ص120 اسلامک پبلشر)
नेयाज़ अहमद निज़ामी
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