neyaz ahmad nizami

Thursday, April 9, 2020

शब-ए-बरात की इबादत (पूजा)



रसुले करीम ﷺ ने फरमाया शाअबान की पन्द्रहवी रात की इबादत (पूजा) बहुत अफजल (अच्छा) है, उस रात अल्लाह तआ़ला अपने बन्दों के लिए बहुत सारे दरवाज़े अपनी रहमत के खोल देता है, इसी संदर्भ में इस रात करनो वाले कुछ नमाज़े और कुछ ज़िक्र (वज़ीफा) पेश हैं,

नफ्ल नमाज़ें:
(1) शाअबान की पन्द्रहवीं रात स्नान करे अगर किसी वजह से स्नान ना कर पाए तो वज़ू कर के दो रकाअत तहियतुल वज़ू (تحية الوضو) पढे, हर रकाअत में अलहम्दो के बाद आयतुल कुर्सी एक बार, सुरह अख़लास (कुल हुअल्लाहु अह़द) तीन तीन बार पढनी है।

(2) शाअबान की पन्द्रहवीं रात दो रकाअत नमाज़ पढे   हर रकाअत में अलहम्दो के बाद आयतुल कुर्सी एक बार, सुरह अख़लास (कुल हुअल्लाहु अह़द) पन्द्रह पन्द्रह बार सलाम फेरने के बाद दोरूद शरीफ (जो दोरूद आप को याद हो) 100 बार पढ कर रिज़क़ की तरक्की के लिए दुआ करे, इन्शा अल्लाह इस नमाज़ की वजह से बरकत होगी,
(اوقات الصلوۃ ص 22)


इसी रात को 100 रकाअत नमाज़े पढे 1000 सुरह अख़लास (कुल हुअल्लाहु अह़द) के साथ इस तरीक़ा से की हर रकाअत में दस बार सुरह अख़लास (कुल हुअल्लाहु अह़द) पढे, इस नमाज़ का नाम सलातुल ख़ैर (صلوٰۃُالخَیْر)  है, इस का सवाब बहुत़ ज़्यादा है, (غنية الطالبين ص348) 348

(4) इस रात को आठ रकाअत नमाज़ 4 सलाम से पढे हर रकाअत में सूरह फातेह़ा के बाद सुरह क़द्र एक एक बार कुल हुअल्लाह पच्चीस बार , इस के पढने वाले को इन्शा अल्लाह अल्लाह बख्श देगा।

(5) इस रात को आठ रकाअत नमाज़ 2 सलाम से पढे हर रकाअत में सूरह फातेह़ा के बाद कुल हुअल्लाह दस दस बार पढे अल्लाह पाक उस नमाज़ के पढने वाले के लिए बहुसंख्यक फरिश्ते लगा देगा जो उसे क़ब्र के अजाब और जन्नत मे जाने की ख़ुश्ख़बरी देंगे। (اوقات الصلوۃ ص 22)

वज़ीफा: 
शाअबान की पन्द्रहवीं रात  सुरह दुख्खान 7 बार पढे उस के पढने वाले को अल्लाह तआला 70 ज़रूरतें दुनिया की और 70ज़रूरतें आखेरत की मंज़ूर करेगा। (اوقات الصلوۃ ص 23)

मुरत्तीब
Neyaz Ahmad Nizami

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