neyaz ahmad nizami

Thursday, October 8, 2020

मुंशी प्रेमचंद






भारत के सब से ऊंचे महान उर्दू हिन्दी के कहानीकार मुंशी प्रेम चंद ने 1897 से लिखने का काम शुरू क्या। प्रेम चंद की पहली कहानी “संसार का सब से अनमोल रत्न„ 1901 में “ज़माना„ में छपी थी। अपने देशप्रेम की भावनाओं से भरा उन की पहली कहानी “सोज़-ए-वतन„ (سوزِ وطن) 1907 में लोगों के बीच आया था, जिसे तुरंत ब्रीटिश सरकार नें ज़ब्त कर लिया था। इस के बाद उन के अमर उपन्यास “निर्मला„ “प्रतिज्ञा„ “सेवा सदन„ “प्रमाश्रम„ “रंगभूमी„ “कर्मभूमी„ “गोदान„ “कायाकल्प„ “गबन„ वगैरह छपे। इन की कहानियां मानसरोवर नाम से 8 भागों में एकट्ठा की गई हैं। प्रेम चंद ने “मर्यादा„ और “जागरण„ वगैरह पत्रों का भी संपादन किया। इन्होने खुद भी “हंस„ नाम से पत्र निकाला था।  
[ munshi paremchand]
प्रेम चंद का जन्म वाराणसी (उत्तरप्रदेश) के ग़रीब परिवार में हुआ था उनका असली नाम “धनपतराय„ था और वह उर्दू में “नवाबराय„ के नाम से लिखते थे मगर उनके सभी लेख उनके उपनाम (لقب) प्रेमचंद के साथ प्रकाशित हुए। आज़ादी से पहले 1936 में, 56 साल की उम्र में मृत्यू हो गए, उन का निधन होना भी इन की जीवन की तरह सादगी से भरा हुआ था।
[विश्व प्रसिद्ध 101 व्यक्तित्व भाग1 पेज 108]
नेयाज़ अहमद निज़ामी

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