neyaz ahmad nizami

Friday, March 17, 2017

मेरे प्यारे बेटे





  आज पहली बार मैं तुम्हारी मां तुमसे पत्र के माध्यम से बात कर रही हूं. तुम यही समझ लो कि तुम्हारी मां तुम्हें गले से लगाकर, सामने बैठकर तुम्हें ये सबकुछ कह रही है और तुम मुस्कुराते हुये मेरी गोद में अपना मुंह छुपाये ही चले जा रहे हो. लेकिन मेरे नन्हे राजकुमार अब तुम बहोत ना सही कुछ तो बड़े हो ही गये हो. भले ही अभी तुम्हें हज़ारों-लाखों चीज़ें दुनिया की देखनी है, समझनी है फ़िर भी क्योंकि अब तुम इस दुनिया में सोलह साल के हो गये हो, तुम्हें दुनिया निराली लगने लगी होगी.

अब स्कूल से बाहर निकलकर कालेज जाओगे और दुनिया की खूब सारी अनछुई अनदेखी चीज़ों से वाक़िफ़ होगे. मैं बहोत चाहकर भी तुम्हारी उस नई नई, सजीली दुनिया का हिस्सा नहीं बन पाऊंगी. और ना तुम्हारे ढेरों नये अनुभवों साझा ही कर सकूंगी जिसे तुम कालेज और अपने नये बने दोस्तों से जुड़कर मुझे बताते. जैसा कि तुम अपने छोटे प्राइमरी स्कूल के दाखिले के बाद रोज़ाना आकर मुझे सुनाते थे.

बेटा आज भी ज़रूरी बात की तरह ही मैं तुमसे सही समय पर खाने, पढ़ने, सोने और खेलने-कूदने के लिये ही फ़िर से कह रही हूं. मुझे पता है मेरा प्यारा बेटा अपनी दिनचर्या अभी भी नहीं बिगाड़ेगा. वो सुबह-सुबह उठेगा, खूब सफ़ाई रखेगा, फलों और दूध वाला नाश्ता करेगा, थीक समय पर खाना खायेगा. समय पर कालेज जायेगा. खूब मन लगाकर पढ़ेगा, ठीक समय से घर लौट आयेगा. आराम करेगा, फ़िर पढ़ेगा, ज़्यादा देर टीवी और कम्प्यूटर के आगे नहीं बैठेगा. सही समय से सो जायेगा.
मेरे लाल, मेरे सुल्तान बेटे आज अगर मैं तुम्हारे पास नहीं हूं, तो इसका ये मतलब नहीं कि तुम बिगड़ जाओ या मेरी तरह अपनी सेहत भी खराब कर लो.. आज मेरी इस दुनिया में ना रहने की वजह एकमात्र तुम्हारे पिता द्वारा शराब पीकर मुझे रोज़ाना बुरी तरह पीटा जाना नहीं है, मेरी ख़ुद के सेहत को लेकर लापरवाहियां भी हैं, जिससे मेरे अन्दर कैन्सर के सेल पैदा हुये और पनपते गये, जिसका पता मुझे और हमारे परिवार को बहुत देर से हुआ.

    मेरे सुन्दर सलोने बेटे, मैं जानती हूं कि आगे जब तुम अपना जीवनसाथी चुनोगे, तो उसे खूब खुश रखोगे, और उसकी सेहत को लेकर हमेशा चौकन्ने भी बनोगे. तुम्हारे पिता की शराब, गलत औरतों से उनके सम्बन्ध और परिवार के प्रति उनकी उदासीनता तुम्हारे नन्हे से दिल को भी बहुत चुभती होगी, मैं जानती हूं. इसलिये हमेशा अपनी आदतों को स्वस्थ और बेहतर रखना.
तुम खूब बड़े आदमी बनो, खूब नाम कमाओ, हमेशा खुश रहो.
तुम्हारी मां.


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