neyaz ahmad nizami

Tuesday, March 7, 2017

बाल के अहकाम व मसाएल


बाल रखने और मांग निकालने का सुन्नत तरीक़ा
सुन्नत यह है कि बाल हों तो बीच में मांग निकाली जाए और कुछ लोग मांग नहीं निकालते सीधे रखते हैं यह भी सुन्नत को ख़त्म करने वाला और यहूद व नसारा का तरीक़ा है जैसा कि हदीसों में है,
मसअला:– औरतों को सर के बाल कटवाना नाज़ाइज़ और गुनाह है और उस पर लानत आई है, शौहर ने ऐसा करने को कहा जब भी यही हुक्म है कि औरत ऐसा करने में गुनाहगार होगी,क्यूंकि शरीयत की ना फरमानी करने में किसी का कहना नही माना जाएगा, (दुर्रे मुख़्तार)
 कुछ मुसलमान घरों में भी औरतों के बाल कटवाने की बला आ गई है ऐसी बाल कटी औरतें देखने में लङका मालूम होती हैं और हदीस में है कि जो औरत मरदाना शक्ल व सूरत में हो उस पर अल्लाह की लानत है,जब बाल कटवाना औ़रत के लिए नाजाएज़ है तो मुन्डाना (छिलवाना) और भी नाजाएज़ है,
मसअला:– दाहिने या बाएं तरफ मांग निकालना भी सुन्नत के ख़ेलाफ है
सफेद बाल दूर ना करे
मसअला:– सफेद बाल उखाङना या क़ैंची से चुन कर निकलवाना मकरूह है (मुजाहिद के लिए जायज़ है) (आलमगीरी)
आज कल सर पर गुप्फा रखने का रवाज बहुत ज़्यादा हो गया है कि चारों तरफ बाल निहायत छोटे छोटे और बीच में बङे बाल होते हैं यह भी नसारा की तक़लीद (पैरवी) में है और नाजायज़ है,,
क़ानुन-ए-शरीयत जिल्द 2 पेज291
 
तसहील -नेयाज़ अहमद निज़ामी
 http://neyaznizami.blogspot.com/2017/03/blog-post_7.html

No comments:

Post a Comment